03-11-2021
दीपावली दीपों का उत्सव जीवन को जगमगाता वही त्यौहार है जो प्रेम, सच्चाई व ख़ुशहाली का गीत गाता
है। यह पर्व मिठास व उल्लास से भरा पर्व है जहाँ बुराई के अंधकार को मिटा श्री रामचंद्र जी वनवास काट
अपने प्रियजनों के पास लौट कर आए थे। हर प्रांत, हर राज्य में यह पर्व धूमधाम से भिन्न-भिन्न रूपों ब उत्साह के साथ मनाया है। लक्ष्मी आगमन का यह दिवस गणेश जी की पूजा से आरंभ हो घर-परिवार को साथ में जोड़ता है। इसी जोश व उत्साह के साथ प्रेसीडियम के छात्रों ने इस दिवस को दीप जलाते हुए ख़ुशी की फुहार के साथ मनाया। छात्रों ने कलात्मक गतिविधि के साथ दियों हो सजाया रंगोली बनाते हुए फूलो से वातावरण को महकाया। सभा आयोजन करते हुए छात्रों ने दिवाली पर अपने भावों को अभिव्यक्त किया। पटाखों से दूर रहते हुए दियों को जलाते हुए रोशनी के त्यौहार की भावना को सबको समझाया। रामजी व लक्ष्मी माँ के रूपों को दर्शाते हुए मन मोहने वाली गाथाओं का वर्णन किया।सारा वातावरण शुद्ध व शांति का रूपक था। जहाँ छात्रों ने इस पर्व की अहमियत से रूबरू करवाते हुए मन के पर्व व उल्लास को नाचते-गाते हुए दिखाया। प्रेम, विश्वास, साथ के अनोखे भाव को प्रस्तुत करते हुए छात्रों ने मन के अंधकार को छटा दीपोत्सव का दीपक जगाया।