06-02-2021
व्याकरण भाषा की शुद्धता का साधन, अंगरक्षक तथा शब्दानुशासन है। व्याकरण के नियमों का ज्ञान, छात्रों में ‘मौलिक’ वाक्य संरचना की योग्यता का विकास करता है। छात्रों में भाषा शुद्ध, लिखने, बोलने के कौशल का विकास करती है। भाषा का शुद्ध रूप पहचानने में छात्रों को सक्षम बनाना ही व्याकरण का मुख्य उद्देश्य है। व्याकरण-शिक्षा से मातृभाषा के प्रयोग-लिखने, बोलने में शुद्धता आती है। इसी कारण व्याकरण का ज्ञान प्राप्त करना अनिवार्य है। व्याकरण की एक गति विधि के अंतर्गत कक्षा १ के छात्रों को जोड़े वाले शब्दों का बोध करवाया गया। इस गति विधि के अंतर्गत बच्चों ने चित्र दिखाए और उसके बारे में अपने विचारों को व्यक्त किया | छात्रों ने बेहद उत्साह के साथ इन जोड़े वाले शब्दों के चित्रों, मिट्टी के खिलौनों, लाख के प्रतिबिम्बों, के माध्यम से बड़े ही मनोहारी ढंग से प्रस्तुत किया।